हरदा से 3 अप्रेल को भोपाल हुए थे सीएम से मिलने पीड़ित परिवार रवाना*

न्याय की गुहार लगा रहे पीड़ितों पर पुलिस की बर्बरता

14 माह में फटाका ब्लास्ट पीड़ितों को नहीं मिला उचित मुआवजा*

*हरदा* - खबर मध्य प्रदेश के हरदा से है जहां, हरदा फटाका फैक्ट्री ब्लास्ट के पीड़ितों ने रात्रि में हरदा कलेक्ट्रेट कार्यालय में प्रशासन के खिलाफ जमकर हंगामा किया।

बता दे कि फटाका फैक्ट्री ब्लास्ट के पीड़ितों के साथ पुलिस द्वारा बर्बरता किए जाने से समाज सेवी आनंद जाट ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए पुलिस के व्यवहार को गलत बताया है।

दरअसल, 14 महीने पहले हरदा के बैरागढ़ स्थित एक फटाका फैक्ट्री में भीषण विस्फोट हुआ था। इस हादसे में बड़ी संख्या में लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे, वहीं 13 लोगों की जान चली गई थी। इसके साथ ही, कई लोगों के घर भी इस ब्लास्ट के कारण क्षतिग्रस्त हो गए थे।

पीड़ितों का आरोप है कि हादसे के इतने महीने बीत जाने के बाद भी उन्हें प्रशासन की ओर से पर्याप्त मुआवजा नहीं मिला है। न्याय की गुहार लगाते हुए पीड़ितों ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मिलने के लिए 3 अप्रैल को हरदा से भोपाल तक न्याय यात्रा निकाली थी।

पीड़ितों का कहना है कि भोपाल पहुंचने पर मिसरोद पुलिस ने उनके साथ बर्बरता की। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ मारपीट की और जबरदस्ती उन्हें बस में बैठाकर वापस हरदा भेज दिया।
मीडिया के सामने अपनी आपबीती सुनाते हुए पीड़ितों ने कहा कि मध्य प्रदेश की मोहन सरकार में पुलिस की दबंगई खुलकर सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि 14 महीने पहले हुए उस भयानक ब्लास्ट में उनके परिवार के सदस्य गंभीर रूप से घायल हुए और कई लोगों ने अपनों को खो दिया। पीड़ितों ने यह भी बताया कि उनके घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, लेकिन उन्हें अभी तक उचित मुआवजा नहीं मिला है। उनका कहना है कि एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी प्रशासन से उन्हें न्याय नहीं मिला है।

इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए समाज सेवी आनंद जाट ने मीडिया से बातचीत में मोहन सरकार की पुलिस की बर्बरता की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि फटाका ब्लास्ट पीड़ितों के साथ मारपीट करना पूरी तरह से गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि हरदा पुलिस ने कभी भी पीड़ितों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया। आनंद जाट ने प्रशासन से मांग की है कि पीड़ितों को जल्द से जल्द उचित मुआवजा दिया जाए, अन्यथा सामाजिक संगठन सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे और इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
इस घटना ने एक बार फिर हरदा फटाका ब्लास्ट के पीड़ितों की पीड़ा और न्याय की उनकी लंबी लड़ाई को उजागर किया है। अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन इस मामले पर क्या कार्रवाई करते हैं और पीड़ितों को कब तक न्याय मिल पाता है।

न्यूज़ सोर्स : कपिल घाटे - 9039537626