मां बेटे की अवैध कालोनी पर कोर्ट का स्टे ऑर्डर अब नही होगी प्लाट की रजिस्ट्री

 

ननद के हिस्से की भूमि को बेच रहे थे भतीजा ओर भावी।

 

हरदा। मां बेटे द्वारा अवैध कालोनी काटने के मामले में एक ओर नया मोड़ सामने आ गया है जहां ननद के हिस्से की कृषि भूमि को भी भतीजा अमन यादव और भाभी शारदा बाई यादव द्वारा ननद गीता बाई की बिना जानकारी और सहमति लिए बिना ही खुलेआम कॉलोनी काटकर प्लाट बेचने में लगे हुए थे जिसकी जानकारी गीताबाई यादव को लगते ही न्यायालय की शरण में जा पंहुची और कोर्ट से भूमि और प्लाट नहीं बेचने को लेकर स्टे ऑर्डर लिया जिससे अब अमन एवं शारदा बाई यादव दोनों मा बेटे द्वारा किसी को भी ग्राहक को कृषि भूमि या प्लाट नही बेच सकेंगे। जब तक न्यायालय का पूर्ण फैसला नही हो जाता है। किंतु सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कॉलोनाइजर इस मामले को हल्के में लेते हुए अपनी मनमर्जी करने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं और ग्राहकों को गुमराह कर झूठे वादे करते हुए कृषि भूमि से प्लाट का विक्रय करने की भी कोशिश कर रहे हैं।

 

परिवार वाद भूमि का है वटबारा मामला 

 

रहटगांव रोड टिमरन नदी के किनारे वार्ड क्रमांक 15 में आने वाली कृषि भूमि जो की बर्ष 2019-20 से पहले गौरीशंकर पिता भीकासिंह यादव के नाम से राजस्व अभिलेखों में दर्ज थी जिसमें भूमि स्वामी स्व,गौरीशंकर यादव के वरसान पुत्र सतीश एवं पुत्री गीताबाई व पत्नी के नाम से भूमि बंटवारा आदि एवं उनके नाम पर दर्ज होनी थी। किन्तु गौरीशंकर यादव से धोखाधड़ी करते हुए फर्जी रूप से वसीयत शारदा बाई यादव एवं अमन यादव ने मिलकर करवा ली जबकि स्व गौरीशंकर के पुत्र एवं पुत्री दोनों जीवित है और पैतृक संपत्ति पुत्र एवं पुत्री के नाम पर होनी थी किंतु धोखाधड़ी करते हुए शरदबाई एवं अमन यादव ने यह भूमि अपने नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज कर ली जिसको लेकर गौरीशंकर की पुत्री ने पहले टिमरनी तहसील कार्यालय में शिकायत की ओर एसडीएम कार्यालय में अपील की किन्तु एसडीएम कार्यालय से भी एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए अपील खारिज कर दी जिसके कारण गीताबाई यादव को न्यायालय की शरण लेना पड़ा। तो वही न्यायालय ने सुनवाई करते हुए आखिरकार अमन यादव एवं शरदाबाई यादव को किसी भी प्रकार की भूमि एवं प्लाट के विक्रय करने पर रोक लगा दी।

 

अवैध कॉलोनी को लेकर नहीं हुई कार्रवाई

 

रहटगांव रोड पर मां बेटे दोनों ने मिलकर ग्राहकों को गुमराह करते हुए डिसमिल से बिकने वाली भूमि को स्क्वायर फीट के हिसाब से प्लाट बेचकर शासन को लाखों रुपए का चूना लगाया है वहीं ग्राहकों को गुमराह कर सड़क नाली बिजली पानी गार्डन मंदिर पार्क आदि के झूठे वादे कर उनके साथ धोखाधड़ी करते हुए प्लाट बेच दिए और उनकी रजिस्ट्री भी कर दी जिसको लेकर स्थानीय निवासियों ने एसडीम कलेक्टर से शिकायत की । किंतु अभी तक स्थानीय शासन एवं जिला प्रशासन द्वारा कोई कड़ी कार्यवाही नहीं की गई जिससे कॉलोनाइजर के हौसले होते नजर आ रहे हैं।

 

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न्यूज़ सोर्स : Rakesh kharka-8602289330