हरदा जिला अस्पताल में सीजर ऑपरेशन के लिए पैसे वसूली का आरोप, डॉक्टर मीनाक्षी पटेल फिर विवादों मे

 

पैसे दिए बिना नहीं हो रहे सर्जरी के ऑपरेशन, नसबंदी के लिए भी मांगे गए थे 4000 रुपये, मरीजों की शिकायत पर हो रही जांच

 

हरदा। जिला अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मीनाक्षी पटेल पर फिर से मरीजों से पैसे वसूली के आरोप लगे हैं। शिकायतकर्ता फिरोज खान, जो मांसगांव के निवासी हैं, ने बताया कि उनकी पत्नी अंजुम बी की सामान्य डिलीवरी के बाद नसबंदी ऑपरेशन के लिए डॉक्टर मीनाक्षी पटेल ने उनसे 4000 रुपये मांगे थे। ये पैसे अस्पताल में नहीं बल्कि डॉक्टर के क्लिनिक के पास तृप्ति मेडिकल पर जमा कराए गए थे। 

 

इससे पहले भी डॉक्टर मीनाक्षी पटेल के खिलाफ इसी प्रकार के आरोप लग चुके हैं, जहां मरीजों से निजी क्लीनिक में जांच करवाने और ऑपरेशन के लिए पैसे मांगे गए थे। सामाजिक कार्यकर्ता हसीबुर रहमान ने भी लिखित शिकायत में बताया कि डॉक्टर मीनाक्षी मरीजों को निजी क्लीनिक बुलाकर सात हजार रुपये में सिजेरियन ऑपरेशन और 2000 रुपये नसबंदी के लिए वसूलती हैं। यह सारा काम जिला अस्पताल में किया जाता है, और इसके लिए अस्पताल के कर्मचारियों और आशा कार्यकर्ताओं के साथ कमीशन सेटिंग की गई है।

 

*डॉ मीनाक्षी पटेल द्वारा सीएमएचओ ऑफिस में बिना रजिस्ट्रेशन कराए चला रहे क्लिनिक नियमों का उल्लंघन:*

 

नियमों के अनुसार, सरकारी डॉक्टरों को निजी प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) या संबंधित राज्य चिकित्सा परिषद में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है, ताकि डॉक्टर की योग्यता और लाइसेंस की पुष्टि हो सके। लेकिन डॉक्टर मीनाक्षी पटेल द्वारा यह नियमों का उल्लंघन कर अवैध क्लीनिक संचालित किया जा रहा है। मामले की जांच के लिए शिकायत गुरुवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पास दर्ज कराई गई है, और अब प्रशासन की ओर से क्या कदम उठाए जाते हैं, इस पर नजर रहेगी।

 

*सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर प्रतिबंध:*

 

नियम: 2013 के नियमों के अनुसार, सरकारी डॉक्टरों को पूर्णकालिक सरकारी नौकरी के दौरान प्राइवेट प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं थी। इसका मतलब यह है कि वे किसी प्राइवेट अस्पताल, क्लिनिक या नर्सिंग होम में जाकर प्रैक्टिस नहीं कर सकते हैं। इसका उद्देश्य यह था कि सरकारी डॉक्टर अपना पूरा ध्यान और समय सरकारी अस्पताल में मरीजों के इलाज में लगाएं, ताकि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में किसी प्रकार की कमी न हो।

 

*सरकारी डॉक्टरों द्वारा निजी क्लीनिक या प्राइवेट अस्पताल में प्रैक्टिस करने पर दंड:*

 

यदि कोई सरकारी डॉक्टर नियमों का उल्लंघन कर प्राइवेट प्रैक्टिस करता हुआ पाया जाता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। यह कार्रवाई डॉक्टर के ऊपर निर्भर करती है, और उसमें निलंबन, वेतन कटौती, या नौकरी से हटाया जाना शामिल हो सकता है।

 

*घर पर क्लीनिक या निजी प्रैक्टिस के लिए रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता:*

 

सरकारी डॉक्टरों के अलावा, जो डॉक्टर निजी प्रैक्टिस करते हैं (जैसे कि घर पर क्लीनिक चलाते हैं), उन्हें राज्य चिकित्सा परिषद या मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) से रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है। यह सुनिश्चित करने के लिए होता है कि डॉक्टर की प्रैक्टिस वैध और मान्यता प्राप्त है।

न्यूज़ सोर्स : सलीम शाह 8982369770