किसानों की आय दोगुनी करने और कृषि लागत कम करने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है और कृषि वैज्ञानिक फसलों की नई किस्में खोजने में लगे है तथा किसानों के बीच जाकर उन्नत खेती करने के लिए मार्गदर्शन भी दे रहे है

 

हरदा जिले में पूसा कृषि संस्थान के कृषि वैज्ञानिकों की टीम ने दौरा किया टीम में डॉ. राजवीर यादव,डॉ.नरेश बैसला,डॉ. मंजीत कुमार शामिल रहे वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को गेहूं की उन्नत खेती के गुर सिखाए तथा संस्थान द्वारा खोज की गई गेहूं की नई किस्मो के बारे में जानकारी दी एवं दिए गए बीज से लगाई गई फसलों का जायजा भी लिया जिले की सिराली तहसील के सोमगाँव कला में कृषक मित्र सीड्स प्रोड्यसर ऑर्गनाइजेशन समूह से भी मुलाकात की गांव के किसानों को गेहूँ उत्पादन में आ रही समस्याओं को सुना ओर समस्याओं के निराकरण हेतु समाधान भी बताए पीछले वर्षो में खोज की गई गेहुँ नई किस्म HD 3385, HD 3410,HD CSW 18 का बीज किसानों को उपलब्ध कराया गया था उसका परफार्मेंस चेक किया जिससे कृषि वैज्ञानिक संतुष्ट हुए मौसम के बदलाव के कारण उत्पादन कुछ हद तक प्रभावित हुआ लेकिन अन्य किस्मो के मुकाबले बहुत बेहतर रहा किसानों को सलाह देते हुए डॉ राजवीर यादव ने किसानों को गेहुँ की वुआई अक्टूबर माह में करने एवं कम समयावधि की किस्मो के मुकाबले लम्बे समयावधि की किस्मो की वुआई करने की सलाह दी

डॉ राजवीर ने कहा कि हमारा उद्देश्य किसानों की फसलों पर जलवायु परिवर्तन से होनेवाले नुकसान से बचाया जाए ओर जलवायु परिवर्तन का असर फसलों पर न हो जिससे किसानों को अच्छी पैदावार मिल सके एवं पानी और खाद का इस्तेमाल ज्यादा न हो दिन-प्रतिदिन जमीन सख्त होती जा रही है इसके लिए किसानों को खरीब की फसल कटाई के बाद बिना जुताई के रवि की फसल की बुआई करें जिससे किसानों का पैसा और समय तो बचेगा ही वही जमीन की उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी अगर किसान की जमीन ज्यादा सख्त है तो फुआरा सिचाई करके वुआई करें या फिर सूखे में बुआई कर सिचाई करें जैविक खेती से जमीन की उर्वरा शक्ति तो बढ़ती है लेकिन उत्पादन 30 से 40 प्रतिशत कम आता है जिससे किसानों को नुकसान होता है इसके लिए सरकार को या ऑर्गनाइजेशनो को जैविक फसलों के उत्पादन में ओर उत्पादित फसलों की खरीदारी में किसानों को अतिरिक्त मदद की जानी चाहिए जिससे किसानों को जैविक फसलों का ज्यादा दाम मिल सके 

 डॉ राजवीर यादव कृषि वैज्ञानिक पूसा संस्थान दिल्ली 

 

किसान का कहना है 

 पूसा संस्थान द्वारा दी गई गेहुँ किस्म HD 3410,ओर 3385  पर मौसम का कोई असर नही पड़ा बालियां अच्छी लगी है पुरानी वैरायटियों में कई समस्याएं थी जैसे बालियों में दाना नही आना, फंगस लगना, बालियां काली पड़ जाना जैसी समस्याएं आती थी पुरानी किसमे मौसम की मार झेल नही पाती थी लेकिन अब ये नई किसमे है इसमें ये समस्या नही है  HD 3410,ओर 3385 पर मौसम का कोई असर नही पड़ा ओर बालियो का साइज भी अच्छा है 70 से 75 दाने है हर बाली में दिखाई दे रहे है 30 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन की संभावना है 

यशपाल चौधरी  कृषक सोमगांव कला जिला हरदा 

न्यूज़ सोर्स : सलीम शाह - 8982369770